Color Trading क्या है?
Color Trading एक तरह का ट्रेडिंग तरीका है जिसमें बाजार के अलग-अलग रंगों या संकेतों का इस्तेमाल करके ट्रेडिंग डिसीजन लिए जाते हैं। यह ज्यादातर तकनीकल एनालिसिस (Technical Analysis) का हिस्सा होता है, जहाँ चार्ट पर कुछ खास रंगों से यह पता लगाया जाता है कि मार्केट बुलिश (उच्चता की संभावना) है या बीयरिश (गिरावट की संभावना)।
उदाहरण के लिए:
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ग्रीन (Green) रंग अक्सर यह दिखाता है कि प्राइस बढ़ रहा है, यानी मार्केट में खरीदारी का दबाव ज्यादा है।
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रेड (Red) रंग यह संकेत करता है कि प्राइस गिर रहा है, यानी बाजार में बिक्री का दबाव है।
कैंडलस्टिक चार्ट्स में भी रंगों का उपयोग होता है, जहाँ हर कैंडल का रंग यह बताता है कि उस समय अवधि में कीमत ऊपर गई या नीचे आई।
फायदे:
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ट्रेडर्स जल्दी से मार्केट की दिशा समझ पाते हैं।
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ट्रेडिंग के सही समय का अंदाजा लगाने में मदद मिलती है।
नोट:
Color Trading केवल रंगों पर निर्भर नहीं होती, बल्कि साथ में अन्य एनालिसिस और मार्केट सिग्नल्स को भी ध्यान में रखना ज़रूरी होता है।
अगर आप चाहें तो मैं Color Trading के लिए कुछ आसान टूल्स और चार्ट्स के बारे में भी बता सकता हूँ।